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महिमा काली मां पकडी धाम की

“माँ काली धाम पकड़ी के इस मंदिर पर कैंसर, अल्सर, शुगर, ब्लड प्रेशर, मिर्गी, दमा, बाँझपन, पागलपन आदि प्रायः सभी प्रकार के ऐसे हजारों लोगों की बीमारियों का अबतक सफल इलाज हो चुका है। जिन रोगियों को देश के बड़े- बड़े शहरों के अस्पतालों ने लाइलाज मानकर घर भेज दिया था। यहाँ वाराणसी, लखनऊ, दिल्ली, पटना आदि के मेडिकल कॉलेजों और एम्स से इलाज कराने के बाद निराश होकर लौटे रोगी भी ठीक हुये हैं। “

माँ काली धाम पकड़ी का इतिहास।

उत्तरप्रदेश के बलिया जिले की बलिया सदर तहसील थाना फेफना अन्तर्गत वैना – वयना नामक एक गाँव है। बलिया गजेटियर एवं अन्य शासकीय अभिलेखों में इस गाँव का उल्लेख एक पुरातात्विक स्थल के रुप में है। यहाँ पर एक पुरातात्विक टीला है, जिसपर एक प्राचीन देवी भी मंदिर है। गाजीपुर-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 31पर बलिया जिला मुख्यालय से 08 किमी दूर प्राचीन गर्गाश्रम ( सागरपाली) एवं कपिल तीर्थ ( कपिलेश्वरी भवानी मंदिर ) के मध्य स्थित वैना- करनई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क पर राष्ट्रीय राजमार्ग से 01 किमी दूर नहर की पटरी वाली सड़क पर दाहिने तरफ पूर्व दिशा में तथा सागरपाली रेलवे स्टेशन से 01किमी उत्तर-पश्चिम दिशा में धर्मनगरी पकड़ी के माँ काली धाम का मन्दिर है। नहर के दक्षिण में इस काली माँ पकड़ी का पिण्डी के रुप में प्राचीन मंदिर था। इस जमीन को काफी पहले वैना से पकड़ी गाँव में आकर बसे अनुसूचित ( चमार) जाति के श्री बालचन्द राम को ग्रामप्रधान स्व स्व विश्वनाथ उपाध्याय एवं उप प्रधान श्री रामविचार यादव ने एलाट कर दिया था। श्री बालचन्द राम के दूसरे पुत्र श्री रामबदन भगत पं0 बंगाल के हिन्दुस्तान पेट्रोलियम में ट्रक चलाते थे। इस ट्रक ड्राइवर श्री रामबदन भगत ने सन् 2000 ई0 में अपने पिता को मिली इस जमीन पर तालाब खुदवा कर मछली पालन का काम शुरु किया। मछली पालन का काम शुरु कर यह ड्राइविंग करने बंगाल चले गये। जहाँ इनकी तबियत खराब हो गई। डाक्टरों ने बताया कि इनकी दोनों किडनी खराब हो गई है। इनका इलाज कराने के लिए ये लोग देश के बड़े- बड़े अस्पतालों में ले गये। लेकिन इनकी बीमारी ठीक नहीं हुई। एक दिन मरणासन्न रामबदन भगत जी को पकड़ी की काली माँ ने प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देकर कहा कि तुम मेरे स्थान के पास मछली पालन कर रहे हो, यह गलत काम है और इसी कारण से मैं तुमसे नाराज हूँ, और तुम यह रोग भोग रहे हो। अगर तुम मुझे उसी स्थान पर स्थापित करके मेरी पूजा और प्रचार करोगे तो ठीक हो जाओगे। श्री रामबदन भगत के पूर्वज भी माँ काली के भक्त थे। भगत जी की आँख खुल गई थी। उन्होंने माँ काली से क्षमा याचना किया। इसके बाद भगत जी अपने गाँव पकड़ी आ गये। मछली पालन के तालाब को अपने सहयोगियों की सहायता से भरवा कर काली माँ की पिण्डी को पधराया और पूजन करने लगे। जिससे प्रसन्न होकर काली माँ ने उनको जड़ी – बूटियों की जानकारी दिया। जिसके सेवन से भगत जी की बीमारी ठीक हो गई। सन् 2008 ई0 में श्री रामबदन भगत काली माँ पकड़ी के पास ही अपनी जमीन पर झोपड़ी डालकर रहने लगे। वह प्रतिदिन दोनों समय माँ काली की सेवा पूजा करते हुए। उनके मंदिर का निर्माण करवाया। इसे धर्मनगरी पकड़ी की माँ काली की कृपा या चमत्कार जो भी माना जाये। माता के इस मंदिर पर आर्तभाव और सच्चे दिल से आकर पूजा करने और माँ काली द्वारा भगत जी के द्वारा बताई गई जड़ी- बूटी से लोगों की बड़ी- बड़ी बीमारियां ठीक होने लगी। जिससे माता के इस मंदिर पर असाध्य और गम्भीर रोगों से ग्रसित लोगों की भीड़ होने लगी। माँ काली धाम पकड़ी के इस मंदिर पर कैंसर, अल्सर, शुगर, ब्लड प्रेशर, मिर्गी, दमा, बाँझपन, पागलपन आदि प्रायः सभी प्रकार के ऐसे हजारों लोगों की बीमारियों का अबतक सफल इलाज हो चुका है। जिन रोगियों को देश के बड़े- बड़े शहरों के अस्पतालों ने लाइलाज मानकर घर भेज दिया था। यहाँ वाराणसी, लखनऊ, दिल्ली, पटना आदि के मेडिकल कॉलेजों और एम्स से इलाज कराने के बाद निराश होकर लौटे रोगी भी ठीक हुये हैं। माँ काली धाम पकड़ी की कृपा जड़ी- बूटियों से ठीक हुये ऐसे रोगियों के द्वारा दिये गये आन रिकार्ड बयानों और उनके द्वारा माँ काली धाम पकड़ी के प्रचार के लिये छपवाये पर्चे भी देखे जा सकते हैं। यहाँ पर हर शनिवार के दिन विशेष पूजा होती है। जिसमें हजारों ऐसे बीमार दुखियारे लोग शामिल होते हैं। यह सबकुछ महज माँ काली धाम पकड़ी की कृपा और चमत्कार है।

माँ काली शक्तिपीठ ट्रस्ट

माँ काली शक्तिपीठ ट्रस्ट

धर्मनगरी पकड़ी , वैना- बलिया ।
ट्रस्ट के उद्देश्य –
  • यह ट्रस्ट चैरिटेबल लोकोपकारी ट्रस्ट होगा । जो शिक्षा, चिकित्सा, कौशल विकास, सदज्ञान प्रचार- प्रसार, कुरीतियों के उन्मूलन, सामाजिक प्रेम, सदभाव, समरसता के लिये कार्य करेगा ।
  • यह ट्रस्ट माँ काली मंदिर परिसर एवं यहाँ अवस्थित सभी मंदिरों की स्वच्छता, निर्विघ्न रूप से नियमित पूजा राग भोग का प्रबंध करेगा ।
  • यह ट्रस्ट साधु संतों की सेवा औरग रीब दुखिया लोगों की सेवा सहायता करेगा ।
  • यह ट्रस्ट वृक्षारोपण, भारतीय जड़ी – बूटियों उनके औषध गुणों की खोज करेगा । औषधीय पौधों को लगाने बचाने तथा विलुप्ति की कगार पर खड़े पौधों का संरक्षण संवर्धन करेगा । जनसामान्य को इसके बारे में जानकारी देगा ।
  • यह ट्रस्ट जड़ी बूटियों से औषधियों का निर्माण योग्य जानकार लोगों के माध्यम से करायेगा और उनकी खरीद बिक्री भी करेगा ।
  • इसके लिये औषधि प्रयोगशाला, औषधि निर्माण ईकाई आदि की स्थापना और प्रबंधन करेगा ।
  • यह ट्रस्ट मंदिरों, धर्मशालाओं, वृद्धाश्रमों, भेजषौद्यान , विद्यालयों, फार्मेसी,  चिकित्सालय आदि का निर्माण करायेगा ।
  • यह ट्रस्ट युवाओं को स्वरोजगार हेतु शासकीय, गैर शासकीय स्तर से सहयोग प्राप्त कर उन्हें विभिन्न शिल्पकलाओं के प्रशिक्षण का प्रबंध करेगा ।
  • यह ट्रस्ट युवाओं, महिलाओं को उनकी रुचि, प्रतिभा और गुण के आधार पर प्रशिक्षित कर स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहन प्रदान करेगा ।
  • यह ट्रस्ट समाज में व्याप्त धर्म, जाति, लिंग के भेदभाव को मिटाने के लिये कार्य करेगा ।
  • यह ट्रस्ट किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों, खेती ,बागवानी, पशुपालन  की आधुनिक तकनीक, जैविक खेती, करने हेतु प्रशिक्षण प्रोप्तसाहन प्रदान करेगा ।
  • यह ट्रस्ट स्वच्छता, शिक्षा,  प्रौढ़ शिक्षा, आँगनबाड़ी, चिकित्सा , सामूहिक विवाह, मजदूर कल्याण  आदि ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को प्रचारित प्रसारित करने उन्हें लाभार्थियों तक पहुँचाने में सक्रिय सहभागिता करेगा ।
  • यह ट्रस्ट अपने इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये कार्यकर्ता रखेगा ।

मुख्यालय / प्रधान कार्यालय- 

 माँ काली मंदिर धर्म नगरी पकड़ी वैना बलिया उत्तरप्रदेश
ट्रस्टीगण –
01- श्री रामबदन राम ( भगत जी ) पुत्र श्री बालचन्द्र राम , ग्राम पकड़ी, वैना बलिया । संस्थापक एवं मुख्य ट्रस्टी ।
02- प्रमिला देवी पत्नी श्री राम बदन राम ग्राम पकड़ी फेफना बलिया । ट्रस्टी

ऑनलाईन मन्दिर पर दान दे:-

मां काली शक्ति पीठ ट्रस्ट धर्मनगरी पकड़ी वैना बलिया
A/c- 38554806462
IFSC :-  SBIN0000017
Bank : SBI (State Bank of India)